Wednesday, 19 March 2025

महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी द्वारा किया गया पुरस्कार वितरण समारोह

महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी द्वारा किया गया पुरस्कार वितरण समारोह

महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी द्वारा सन 2024-25 इस वर्ष का “पुरस्कार वितरण समारोह” बांद्रा पश्चिम स्थित रंगशारदा सभागार में संपन्न हुआ। इस समारोह की अध्यक्षता सांस्कृतिक कार्य विभाग मंत्री तथा अकादमी के अध्यक्ष ॲड. आशिष शेलार जी ने की ।  इस अवसर में पूर्व राज्यमंत्री अमरजीत मिश्र, अकादमी के कार्याध्यक्ष डॉ. शीतला प्रसाद दुबे, उपाध्यक्ष श्रीमती मंजू लोढा, माहिती अधिकारी कार्यकर्ता अनिल गलगली, अकादमी सदस्य तथा वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. सुधाकर मिश्र और प्रसिध्द लेखक  विमल मिश्र आदि मान्यवर उपस्थित थे।

महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी जल्दी ही भारतरत्न और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में विशेष भाषा शिखर साहित्य सम्मान प्रदान करेगी। यह सम्मान हिंदी साहित्य में अतुलनीय योगदान देने वाले मूर्धन्य साहित्यकार को प्रदान किया जायेगा। यह महत्वपूर्ण घोषणा महाराष्ट्र सरकार के सांस्कृतिक कार्य मंत्री एड आशीष शेलार ने महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी के वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए की।महाराष्ट्र के सांस्कृतिक कार्य मंत्री आशीष शेलार ने इस मौके पर अपने सम्बोधन में कहा कि महाराष्ट्र की भूमि मराठी के साथ-साथ हिंदी साहित्य और भाषा के संवर्धन के लिए भी प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र देश का केवल एकमेव ऐसा राज्य है, जहॉं दस भाषाओं की अकादमियॉं सक्रिय हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में इन सभी भाषाओं के संवर्धन हेतु महाराष्ट्र सरकार अधिकाधिक प्रयास करती दिखेगी। शेलार ने कहा कि भाषा समाज को जोडने और संस्कारों के संवर्धन का महत्वपूर्ण माध्यम है। इसलिए अच्छे बाल साहित्य की निर्मिती पर अधिक ज़ोर दिया जाना चाहिये, ताकि हमारी आने वाली पीढी भी छत्रपति संभाजी राजे और तारा रानी जैसे महानायकों तथा भारत की समृद्ध एवं अनमोल धरोहर से परिचित हो सके।

इस अवसर पर सभी का स्वागत करते हुए महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी के कार्याध्यक्ष डॉ. शीतला प्रसाद दुबे ने अकादमी की विभिन्न गतिविधियों और योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस समारोह में कुल 46 साहित्यकारों को सम्मानित किया जा रहा है और विशेष उल्लेखनीय बात यह है कि इस साल से विभिन्न पुरस्कारों की राशि दो गुना कर दी गई है। इसके फलस्वरूप सर्वोच्च पुरस्कार दो लाख रुपये का दिया जा रहा है। कार्याध्यक्ष डाॅ. दुबे ने पुरस्कार राशि में इस उल्लेखनीय बढ़ोतरी के लिए महाराष्ट्र सरकार का आभार व्यक्त किया। पुरस्कार वितरण समारोह की शुरुआत सांस्कृतिक राज्य मंत्री और विभिन्न गणमान्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन और महाराष्ट्र राज्य गीत के साथ हुई। इस अवसर पर पुण्य श्लोका अहिल्यादेवी होलकर की 300 वीं जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य में सुरुचिपूर्ण नाटक के प्रभावशाली मंचन ने सभी को अभिभूत कर दिया। सूत्र संचालन वरिष्ठ पत्रकार प्रसाद काथे एवं आनंद सिंह ने चरणबद्ध तरीके से की। आभार सचिव सचिन निंबालकर ने माना।

महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी व्दारा कुल 46 पुरस्कार प्रदान किए गए । इस वर्ष का “अखिल भारतीय सन्मान जीवनगौरव पुरस्कार” में 'महाराष्ट्र भारती अखिल भारतीय हिंदी सेवा पुरस्कार' रामकृष्ण सहस्त्रबुध्दे और डॉ. 'राममनोहर त्रिपाठी अखिल भारतीय हिंदी सेवा पुरस्कार' प्रो. डॉ. श्रीराम परिहार का प्रदान किए गए । “राज्य स्तरीय सम्मान जीवनगौरव पुरस्कार” के अंतर्गत 'छत्रपती शिवाजी महाराज राष्ट्रीय एकता पुरस्कार' राजेश कुमार मिश्र उर्फ राजेश विक्रांत को,  'साने गुरूजी राष्ट्रीय एकता पुरस्कार'  ऋषिकुमार मिश्र को, 'पद्मश्री अनंत गोपाल शेवडे हिंदी सेवा पुरस्कार'  डॉ. संजय सिंह को,  'डॉ उषा मेहता हिंदी सेवा पुरस्कार' डॉ. सुस्मिता भट्टाचार्य को, 'गजानन माधव मुक्तिबोध मराठी भाषी हिंदी लेखक पुरस्कार' प्रो. (डॉ) विजय रोडे को, 'कांतीलाल जोशी इतर हिंदी भाषी हिंदी लेखक पुरस्कार' गीता माणेक को,  'व्ही शांताराम ललित कला हिंदी विशिष्ट सेवा पुरस्कार' अखिलेंद्र मिश्र को,  'सुब्रमण्य भारती हिंदी सेतु विशिष्ट सेवा पुरस्कार'  श्रीमती शीला डोंगरे को प्रदान किए गए।  'विधा पुरस्कार' के अंतर्गत 'काव्य' के लिए दिया जानेवाला 'संत नामदेव पुरस्कार' अमर कृपाशंकर त्रिपाठी को स्वर्ण, श्री सत्यदेव विजय सिंह (सत्यदेव विजय) को रजत और  ठाकुर भरत सिंह को कांस्य पुरस्कार प्रदान किए गए।  'उपन्यास' के लिए दिया जानेवाला 'जैनेन्द्र कुमार पुरस्कार' वीरेन्द्र ओझा को स्वर्ण, श्रीमती रेखा बैजल को रजत और कोत्तापल्ली लता -(लता तेजेश्वर "रेणुका") को कांस्य पुरस्कार प्रदान किए गए।  'कहानी' के लिए दिया जानेवाला 'मुंशी प्रेमचंद पुरस्कार' श्यामलता गुप्ता को स्वर्ण, हरि मृदुल को रजत, पारमिता षड़ंगी (अर्चना मिश्र) और डॉ. वर्षा पुनवटकर को कांस्य पुरस्कार विभाजित प्रदान किए गए।  'निबंध' के लिए दिया जानेवाला 'आचार्य रामचंद्र शुक्ल पुरस्कार' अलका रागिनी को स्वर्ण, डॉ. आभा सिंह को रजत और डॉ. फ़य्याज़ अहमद फ़ैज़ी को कांस्य पुरस्कार प्रदान किए गए। 'समीक्षा' के लिए दिया जानेवाला 'आचार्य नंददुलारे वाजपेयी पुरस्कार' डॉ. अवधेश कुमार राय को स्वर्ण, डॉ. सुधीर वाघ को रजत और  प्रो.डॉ. बालाजी श्रीपती भुरे को कांस्य पुरस्कार प्रदान किए गए।  'अनुवाद' के लिए दिया जानेवाला 'मामा वरेरकर पुरस्कार' सेवक नैयर को स्वर्ण, शेषनारायण उर्फ शशि मुरलीधर निघोजकर को रजत,  डॉ. प्रेरणा उबाले को कांस्य पुरस्कार प्रदान किए गए। 'वैज्ञानिक तकनीकी' के लिए दिया जानेवाला 'होमी जहांगीर भाभा रजत पुरस्कार' डॉ. अमरीश सिन्हा को प्रदान किए गए।  'हिंदी भाषा संबंधी लेखन' के लिए दिया जानेवाला 'पं. महावीर प्रसाद व्दिवेदी पुरस्कार'  डॉ. मनोज पाण्डेय को स्वर्ण और डॉ. मीना राजपूत को कांस्य पुरस्कार प्रदान किए गए ।  'नाटक' के लिए दिया जानेवाला 'विष्णुदास भावे स्वर्ण पुरस्कार' डॉ. पूजा हेमकुमार अलापुरिया (हेमाक्ष) को प्रदान किए गए।  'जीवनी-परक साहित्य' के लिए दिया जानेवाला 'काका कालेलकर रजत पुरस्कार' डॉ. राजेंद्र प्रताप सिंह को स्वर्ण, मांगीलाल जगमालाराम बिश्नोई को रजत और भगवान वैद्य (प्रखर) को कांस्य पुरस्कार प्रदान किए गए।  'पत्रकारिता-कला' के लिए दिया जानेवाला 'बाबुराव विष्णु पराडकर स्वर्ण पुरस्कार' डॉ. शैलेंद्र दुबे को प्रदान किए गए ।  'बालसाहित्य' के लिए दिया जानेवाला 'सोहनलाल व्दिवेदी पुरस्कार' रीता अमर कुशवाहा को स्वर्ण, विपुल सेन ( कवि विपुल लखनवी ) को रजत और रोचिका अरुण शर्मा को कांस्य पुरस्कार प्रदान किए गए।  'लोकसाहित्य' के लिए दिया जानेवाला 'फणीश्वरनाथ रेणू पुरस्कार' मदन गोपाल गुप्ता (अकिंचन) को स्वर्ण, हेमलता मिश्र "मानवी" को रजत और शामराव नारायणराव रावले  (श्याम रावले "सुंदर") को कांस्य प्रदान किए गए । 'राष्ट्रभक्ती पर आधारित लेखन' के लिए दिया जानेवाला 'शशिभूषण वाजपेयी हिंदी लेखक पुरस्कार' कृष्ण प्रकाश को स्वर्ण, श्रीमती रेणु शर्मा को रजत और प्रतीक राजीव मिश्रा  (कुमार प्रतीक) को कांस्य प्रदान किए गए। 

समारोह में हिंदी साहित्य के विकास और उसके संवर्धन को लेकर विशेष चर्चा हुई। अतिथियों ने हिंदी साहित्य के समकालीन परिदृश्य पर अपने विचार रखे और साहित्यकारों को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए बधाई दी। इस गरिमामयी कार्यक्रम में महाराष्ट्र के अनेक साहित्यकार, विद्वान, पत्रकार एवं साहित्य प्रेमी उपस्थित रहे।

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