Friday, 27 November 2015
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इकठ्ठा किया 253 करोड़ का फंड
महाराष्ट्र राज्य सूखा, किसानों की आत्महत्या और खाली खजाने जैसे माहौल के बीच मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपने बलबूते पर 253 करोड़ का फंड जमा करने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को मुख्यमंत्री सहायता निधी कक्ष ने दी हैं जिसमें से 76 करोड़ की सहायता अबतक की गई हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री सहायता निधी कक्ष से मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यह मुख्यमंत्री बनने के लिए जमा फंड और बनने के बाद जमा की गए फंड की जानकारी मांगते हुए खर्च और शेष रकम का ब्यौरा मांगा था। मुख्यमंत्री सहायता निधी कक्ष से जन सूचना अधिकारी ने अनिल गलगली को बताया कि दिनांक 1 नवंबर 2014 के पहले मुख्यमंत्री सहायता निधी कक्ष में 11 करोड़ 68 लाख 43 हजार 475 रुपए शेष थे। देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बनने के बाद अब तक उन्होंने 253 करोड़ 5 लाख 3 हजार 76 रुपए ये रेकॉर्ड तोड़ फंड जमा करने के बाद पूर्व की शेष रकम को मिलाकर रकम 264 करोड़ 68 लाख 96 हजार 551 रुपए इतनी हुई हैं। इसमें से अब तक 76 करोड़ 19 लाख 67 हजार 88 रुपए की सहायता की गई हैं। अब 188 करोड़ 49 लाख 29 हजार 463 रुपए फंड में शेष हैं।
मुख्यमंत्री सहायता निधी में कभी भी कुछ कम नही हो और हर एक को जरुरतमंदों को आर्थिक सहायता करने के लिए फिक्स डिपॉजिट की रकम बैंक में रखी जाती हैं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ये मुख्यमंत्री बनने के पहले फिक्स डिपॉजिट की रकम 124 करोड़ 50 लाख 32 हजार 346 रुपए थी। अब भी उतनी ही रकम है और उसमें नए सिरे से कोई अतिरिक्त रकम जमा नही हुई हैं। फिक्स डिपॉजिट की रकम और जमा रकम ऐसी कुल 312 करोड़ 99 लाख 61 हजार 809 रुपए की रकम मुख्यमंत्री सहायता निधी में वर्तमान में हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने कुछ दिन के पहले मुख्यमंत्री सहायता निधी से डांस के लिए 8 लाख दिए जाने की बात का खुलासा किया था और उसके बाद 8 लाख की रकम को उस डांस ग्रुप ने वापस भी किया था। अनिल गलगली के अनुसार मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपने बलबूते पर जमा की हुई रकम प्रशंसनीय हैं क्योंकि इससे असहाय, जरुरतमंद और निराधार जनता की मदद ही होती हैं। सक्षम और अमीर लोगों ने ऐसे स्थानों पर आर्थिक सहाय कर मुख्यमंत्री सहायता निधी और सरकार का हात मजबुत करने का काम करना चाहिए। ऐसा मत अनिल गलगली ने व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री सहायता निधी का वितरण करने के दौरान सर्तकता बरतनी चाहिए ताकि जरुरतमंदों को ही उसकी सहायता मिल सके।
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