Saturday, 26 July 2025

देवसंस्कृति विश्वविद्यालय में ध्यान-साधना के साथ नवशैक्षणिक सत्र का शुभारंभ

देवसंस्कृति विश्वविद्यालय में ध्यान-साधना के साथ नवशैक्षणिक सत्र का शुभारंभ

देवसंस्कृति विश्वविद्यालय (देसंविवि), शांतिकुंज में नवप्रवेशी विद्यार्थियों ने नवीन शैक्षणिक सत्र का आरंभ आध्यात्मिक वातावरण में ध्यान-साधना के माध्यम से किया। विश्वविद्यालय की परंपरा के अनुरूप भारत व नेपाल सहित विभिन्न देशों से आए सैकड़ों विद्यार्थियों ने युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य एवं वंदनीया माता भगवती देवी शर्मा जी की पावन समाधि स्थल पर सामूहिक ध्यान में भाग लिया।

इस अवसर पर विद्यार्थियों ने ‘ज्योति अवधारण साधना’ के माध्यम से आत्मचिंतन और आंतरिक अनुशासन की दिशा में अपने पहले कदम बढ़ाए। देसंविवि में अद्वितीय पाठ्यक्रमों के साथ-साथ जीवन मूल्यों और आध्यात्मिक संस्कारों पर बल दिए जाने के कारण यह संस्था आज की युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत बनती जा रही है।

शांतिकुंज व्यवस्थापक योगेन्द्र गिरि ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा केवल किताबी ज्ञान तक सीमित न रहे, बल्कि उसमें नैतिकता, आत्मविकास और सामाजिक उत्तरदायित्व का समावेश भी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि देसंविवि शिक्षा के साथ संस्कारों को भी समाहित करता है, जिससे विद्यार्थी एक संपूर्ण व्यक्तित्व का निर्माण कर सकें।

उन्होंने युग निर्माण सत्संकल्प के 18 सूत्रों की चर्चा करते हुए विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे अपने जीवन के अभीष्ट लक्ष्य को सदैव स्मरण में रखें। इस अवसर पर  उदय किशोर मिश्रा, सौरभ मिश्रा आदि वक्ताओं ने भी युवाओं का मार्गदर्शन किया।

शैक्षणिक सत्र की इस आध्यात्मिक शुरुआत से विद्यार्थियों में उत्साह, आत्मविश्वास और एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार देखने को मिला। उल्लेखनीय है कि देसंविवि के कुलाधिपति श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या जी स्वयं समय-समय पर कक्षाएं लेकर ‘जीवन प्रबंधन’, ‘गीता’, ‘रामचरितमानस’ आदि विषयों के माध्यम से विद्यार्थियों को जीवन के नवीन दृष्टिकोण प्रदान करते हैं।

Wednesday, 23 July 2025

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ‘१००८’ की ऐतिहासिक घोषणा — धर्म मामलों के लिए 'धर्मनिर्णयालय' की स्थापना

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ‘१००८’ की ऐतिहासिक घोषणा — धर्म मामलों के लिए 'धर्मनिर्णयालय' की स्थापना

धर्म के निर्णय अब धर्माचार्य करेंगे, न्यायालय का भार होगा कम


परमाराध्य परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानंदः सरस्वती ‘१००८’ ने आज एक ऐतिहासिक घोषणा करते हुए धार्मिक मामलों की सुनवाई के लिए ‘धर्मनिर्णयालय’ की स्थापना की औपचारिक घोषणा की है। मुंबई के बोरिवली स्थित कोरा केंद्र में आयोजित प्रेस वार्ता को वे संबोधित कर रहे रहे थे।

शंकराचार्य जी ने कहा कि "कोई समय था जब न राजा था, न न्यायाधीश, केवल धर्म ही समाज को नियंत्रित करता था। आज जब अदालतों में धार्मिक मामलों की गहराई को समझे बिना निर्णय होते हैं, तब यह आवश्यक हो गया है कि धर्म से जुड़े मुद्दों का निर्णय धर्माचार्य करें, न कि न्यायिक प्रोसीजर के अधीन।"



धर्मनिर्णयालय –एक नई पहल

शंकराचार्य जी ने स्पष्ट किया कि प्रयागराज कुम्भ पर्व के दौरान आयोजित परमधर्म संसद १००८ (26 जनवरी 2025) में धर्मनिर्णयालय की स्थापना का निर्णय लिया गया था। अब इसकी औपचारिक घोषणा की जा रही है। इस न्यायालय में धार्मिक विवादों का निपटारा धर्मशास्त्र, परंपरा और वेदों के आधार पर किया जाएगा।

‘गाय-गवय’ में भेद जरूरी

उन्होंने गाय और गवय के भेद पर भी विस्तार से बात की और सुप्रीम कोर्ट की उस टिप्पणी पर आपत्ति जताई जिसमें 'गाय में क्या भेद' कहा गया था।  “अगर सब दूध एक समान है, तो A2 और A1 मिल्क में भेद क्यों? गाय का दूध और कुत्ते का दूध बराबर क्यों नहीं माना जाता? जो मांसाहारी आहार लेने वाली संकर या विदेशी गायें हैं, वे भारतीय संस्कृति की दृष्टि से गौमाता नहीं कही जा सकतीं।”



गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित करने की मांग

शंकराचार्य जी ने भारत सरकार से गौमाता को ‘राष्ट्रमाता’ घोषित करने की भी पुरज़ोर माँग की। इसके लिए 33 कोटि आहुति यज्ञ का आयोजन देशभर में चल रहा है और मुंबई में भी गो-प्रतिष्ठा महायज्ञ प्रारंभ हो चुका है।

निर्दोष छूटे, तो दोषी का नाम भी सामने आना चाहिए

उन्होंने 2006 मुंबई ट्रेन बम विस्फोट की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि “यदि 19 वर्षों बाद 11 आरोपी बरी हुए, तो असली अपराधी कहाँ हैं? जब निर्दोष को छोड़ा जाता है, तो दोषी को भी उजागर करना न्याय का ही हिस्सा है।”



कबूतरों के अस्तित्व को मिटाना क्रूरता

वर्तमान में मुंबई में कबूतरों को भगाने या दाना न डालने की नीति पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि “पक्षियों को दाना डालना परंपरा रही है। शासक का कर्तव्य है कि वह सभी प्राणियों के अस्तित्व और सह-अस्तित्व का सम्मान करे। चीन में चिड़ियों को मारने से खाद्य श्रृंखला टूट गई थी – हमें प्रकृति से यह सबक लेना होगा।”

धर्म, संस्कृति और प्रकृति – तीनों के संरक्षण की आवश्यकता पर बल देते हुए शंकराचार्य जी ने आज जो उद्घोषणा की, वह भारतीय समाज की आत्मा की पुनर्स्थापना की दिशा में एक कदम है। उनका यह ऐतिहासिक संदेश देश की सामाजिक, धार्मिक और न्यायिक चेतना को एक नई दिशा देने वाला सिद्ध हो सकता है।

Tuesday, 22 July 2025

देसंविवि का 45वां ज्ञान दीक्षा समारोह सानंद संपन्न

देसंविवि का 45वां ज्ञान दीक्षा समारोह सानंद संपन्न

विद्यार्थियों के जीवन में एक नई दिशा और चेतना का आरंभ है ज्ञानदीक्षा संस्कार :  डॉ चिन्मय पण्ड्या

यह समय नये युग के लिए कदम बढ़ाने का अवसर : महंत बालकनाथ योगी

कुलाधिपति श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या ने नवप्रवेशी विद्यार्थियों को किया दीक्षित



देवसंस्कृति विश्वविद्यालय शांतिकुज में 45वां ज्ञान दीक्षा संस्कार समारोह अत्यंत श्रद्धा, गरिमा एवं उत्साह के साथ सम्पन्न हुआ। समारोह का शुभारंभ यूपीईएस के कुलाधिपति डॉ सुनील राय, कुलपति शरद पारधी एवं प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। ज्ञानदीक्षा समारोह में बिहार, दिल्ली, जम्मू कश्मीर, गुजरात, केरल, उप्र, उत्तराखण्ड, राजस्थान आदि राज्यों तथा नेपाल सहित कई देशों के छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया।  


समारोह के मुख्य अतिथि बाबा मस्तनाथ विवि रोहतक के कुलाधिपति महंत बालकनाथ योगी ने कहा कि देवसंस्कृति विश्वविद्यालय में आधुनिक शिक्षा के साथ भारतीय संस्कृति, संस्कार और अध्यात्म को समान रूप से महत्व दिया जाता है। यहाँ का वातावरण विद्यार्थियों को समग्र विकास की ओर प्रेरित करता है। उन्होंने कहा कि यह समय नये युग के लिए कदम बढ़ाने का अवसर है। यहाँ प्राप्त सद्ज्ञान के प्रकाश तथा भारत के वैभव, संस्कृति को विश्व भर में फैलायेंगे, ऐसा विश्वास है। श्री योगी व्यक्ति के जीवन का मूल मंत्र को जानने, समझने के लिए विविध उपाय सुझाया।


युवा आइकॉन डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि ज्ञान दीक्षा केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि विद्यार्थियों के जीवन में एक नई दिशा और चेतना का आरंभ है। यह संस्कार उन्हें विश्वविद्यालय के आदर्शों, अनुशासन और सेवा परंपरा से जोड़ता है। युवा आइकॉन ने कहा कि जीवन में जब भगवान आते हैं, तो सौभाग्य का अवतरण होता है और जो भगवान के सहयोगी बनते हैं, उनका नाम ही अमर होता है। कबीर, सुरदास, पं श्रीराम शर्मा आचार्य जी आदि इसके प्रत्यक्ष उदाहरण है। पेट्रोलियम एवं उर्जा अध्ययन विवि के कुलाधिपति डॉ सुनील राय ने श्रद्धा, प्रसन्नता और रूपरेखा को मानव जीवन के लिए महत्वपूर्ण बताया।  इससे पूर्व कुलपति शरद पारधी ने समारोह में उपस्थित सभी विशिष्ट अतिथियों, अभिभावकों और सहयोगीगण का स्वागत किया।
इस अवसर पर देसंविवि के कुलाधिपति श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या स्नातक, परास्तानक एवं पीएचडी के नवप्रवेशी छात्र-छात्राओं से वर्चुअल जुड़े और वैदिक मंत्रोच्चारण एवं विधिपूर्वक ज्ञान दीक्षा प्रदान की।


समारोह की शुरुआत वैदिक मंगलाचरण के साथ प्रज्ञागीत से हुआ, जिसमें सभी विद्यार्थियों ने भाग लिया। दीक्षा के माध्यम से विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ-साथ जीवन मूल्यों, सेवा-भावना एवं भारतीय संस्कृति के आदर्शों का बोध कराया गया। इस दौरान युवा आइकॉन डॉ चिन्मय पण्ड्या ने अतिथियों को गायत्री मंत्र चादर, युगसाहित्य एवं विवि के प्रतीक चिह्न आदि भेंटकर सम्मानित किया। अतिथियों ने रेनांसा, अनाहद पत्रिका का विमोचन किया। इस अवसर पर शांतिकुंज व्यवस्थापक योगेन्द्र गिरि, विश्वविद्यालय के प्राध्यापकगण, अधिकारीगण, अभिभावक तथा छात्र-छात्राएँ बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

Thursday, 17 July 2025

मुंबई में गो-प्रतिष्ठा महायज्ञ का भव्य शुभारम्भ शंकराचार्य जी के दिव्य सान्निध्य में

मुंबई में गो-प्रतिष्ठा महायज्ञ का भव्य शुभारम्भ शंकराचार्य जी के दिव्य सान्निध्य में

परमाराध्य परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज के दिव्य सान्निध्य में मुंबई के कोराकेन्द्र स्थित चातुर्मास्य स्थल पर 100 कुण्डीय गो-प्रतिष्ठा महायज्ञ का विधिवत शुभारम्भ हुआ।

यह यज्ञ महाराष्ट्र मूल के काशीवासी कृष्ण यजुर्वेदाचार्य पं. श्री वीरेश्वर दातार के आचार्यत्व में प्रारंभ हुआ। आचार्य पं. अनिमेष जी एवं आचार्य पं. सुधीर जी भी इस यज्ञ में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं।

परमाराध्य की ओर से नैष्ठिक ब्रह्मचारी परमात्मानंद जी यज्ञीय कर्मकाण्डों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। यज्ञ में मुंबई के प्रमुख पण्डितों सहित देश के विभिन्न भागों से आए वैदिक आचार्य भी सम्मिलित हुए हैं।

यह महायज्ञ प्रतिदिन प्रातः 9 बजे से प्रारम्भ होकर चातुर्मास्य भर चलेगा।

शंकराचार्य जी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी शैलेन्द्र योगिराज सरकार ने बताया कि परमाराध्य का संकल्प है कि गौमाता के अंग-प्रत्यंगों में निवास करने वाले 33 करोड़ देवी-देवताओं को आहुतियाँ समर्पित की जाएँ। प्रयागराज कुंभ महापर्व में पूर्व में 2 करोड़ 62 लाख आहुतियाँ दी जा चुकी हैं, अब मुंबई में इस संख्या को और अधिक बढ़ाया जाएगा।

चातुर्मास्य आयोजकों द्वारा एक विशेष मोबाइल एप भी विकसित किया गया है, जिससे देश-विदेश में रहने वाले सनातनी श्रद्धालु इस यज्ञ में ऑनलाइन भागीदारी एवं सहयोग कर सकते हैं।

Friday, 11 July 2025

स्वानंद बाबा आश्रम में गुरुपूर्णिमा उत्सव का भव्य आयोजन

स्वानंद बाबा आश्रम में गुरुपूर्णिमा उत्सव का भव्य आयोजन

गुरुपूर्णिमा के पावन अवसर पर स्वानंद बाबा आश्रम में श्रद्धा और भक्ति के वातावरण में समारोह का आयोजन किया गया। आश्रम के ट्रस्टी और बाबा के प्रमुख शिष्य प्रेम शुक्ल ने सपरिवार स्वानंद बाबा की समाधि का पूजन, दुग्धाभिषेक और हवन संपन्न कराया।

इस अवसर पर गायक शिवसागर मिश्र के नेतृत्व में संगीतमय सुंदरकांड पाठ आयोजित किया गया, जिसमें भक्तों ने भावविभोर होकर भाग लिया। पूरे वातावरण में भक्ति और श्रद्धा की मधुर गूंज सुनाई दी।

समारोह में प्रमुख रूप से पं. दुर्गाप्रसाद पाठक, शांति शुक्ला, प्रेम मेघनानी, आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली, श्री सिद्धिविनायक मंदिर के कोषाध्यक्ष आचार्य पवन त्रिपाठी, मुंबई भाजपा के प्रवक्ता उदय प्रताप सिंह, वरिष्ठ पत्रकार तुलसीदास भोईटे, अभय मिश्रा, विजय सिंह कौशिक, सूर्यप्रकाश मिश्र, आनंद मिश्रा, राजेश विक्रांत, श्रीनारायण तिवारी, वीरेंद्र मिश्रा, पुष्पराज मिश्रा, नागेंद्र शुक्ला, महेश शर्मा, राकेश पांडे, लोकगायक सुरेश शुक्ला,ओमप्रकाश मिश्र, अनिल मिश्र, दीपक सिंह, संजीव साहू, गुड्डू पाठक, संतोष पाठक, गामा मिश्र, सोनू सिंह सुरीला सहित अनेक श्रद्धालु भक्त उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का उद्देश्य गुरुतत्त्व के महत्व को उजागर करना और स्वानंद बाबा की शिक्षाओं का स्मरण करते हुए समाज में उनके संदेश को आगे बढ़ाना था।

Friday, 4 July 2025

बुंदेलखंड विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष राजा सीएम से मिले

बुंदेलखंड विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष राजा सीएम से मिले 

बुंदेलखंड में पर्यटन, फ़िल्म व खेलों सहित विभिन्न मुद्दों पर सीएम से चर्चा 

झाँसी। बुंदेलखंड विकास बोर्ड के उपाध्याक्ष राजा बुन्देला ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भेंट की। उन्होंने तरुणमित्र को जानकारी देते हुए बताया कि इस मुलाक़ात के दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री से झाँसी से रामराजा सरकार ओरछा तक फोरलेन रोड सहित राज्य और बुंदेलखंड क्षेत्र के विकास से संबंधित विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बुंदेलखंड के विकास को लेकर बेहद गंभीर हैं और बुंदेलखंड एक्सप्रेशनवे, बीडा, डिफेन्स कॉरिडोर, जलजीवन मिशन परियोजना, सौर ऊर्जा प्लांट योजना जैसी अनेकों योजनाओं पर अरबों रूपये का निवेश कर रहे हैं। देश विदेश के उद्यमी बुंदेलखंड में निवेश कर रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से बुंदेलखंड में पर्यटन, फ़िल्म इंडस्ट्री, खेलों को बढ़ावा देने आदि की ओर भी ध्यान दिलाया। इस अवसर पर बुन्देली सेना के संयोजक डॉ आश्रयसिंह औन्ता भी उनके साथ मौजूद थे।