Thursday, 20 February 2025

स्वराज्य और धर्म के सजग पहरेदार थे धर्मवीर संभाजी महाराज

स्वराज्य और धर्म के सजग पहरेदार थे धर्मवीर संभाजी महाराज

"छावा" सिनेमा केवल एक ऐतिहासिक कहानी नहीं, बल्कि वीरता, बलिदान और अदम्य साहस का जीवंत चित्रण है। यह फिल्म धर्मवीर संभाजी महाराज के जीवन के अंतिम क्षणों को बेहद प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करती है, जिससे दर्शकों के मन में राष्ट्रप्रेम और गर्व की भावना जागृत होती है। फिल्म "छावा" के निर्माता लक्ष्मण उतेकर हैं और इसके निर्देशक दिनेश विजान हैं। यह ऐतिहासिक फिल्म धर्मवीर संभाजी महाराज के जीवन और बलिदान पर आधारित है। फिल्म "छावा" का संगीत मशहूर संगीतकार ए.आर. रहमान ने दिया है। उनकी धुनें ऐतिहासिक माहौल को और भी प्रभावशाली बनाती हैं, जिससे फिल्म का हर दृश्य भावनात्मक और जोशीला बन जाता है।

झकझोर देने वाला अंत

फिल्म का अंतिम दृश्य दिल दहला देने वाला है। मुगलों द्वारा किए गए अत्याचारों के बावजूद, धर्मवीर संभाजी महाराज ने निष्ठा से कभी समझौता नहीं किया। उनकी आंखें निकाल दी गईं, जुबान काट दी गई, फिर भी वे झुके नहीं। यह सिर्फ एक ऐतिहासिक घटना नहीं, बल्कि स्वराज्य और धर्म के प्रति उनकी निस्वार्थ भक्ति का प्रतीक है।

कलाकारों का दमदार अभिनय

हर अभिनेता ने अपनी भूमिका को पूरी शिद्दत से निभाया है, जिससे यह फिल्म और भी प्रभावी बन जाती है। विकी कौशल ने संभाजी महाराज की भूमिका में जान डाल दी है। उनकी भाव-भंगिमाएं, संवाद अदायगी और युद्ध के दृश्यों में उनके अभिनय ने यह अहसास दिलाया कि अगर संभाजी महाराज स्वयं हमारे सामने होते, तो वे ऐसे ही अडिग और साहसी होते।

अक्षय खन्ना ने औरंगजेब की भूमिका में क्रूरता की चरम सीमा को छू लिया है। उनके अभिनय में औरंगजेब की निर्दयता और दुष्टता बखूबी झलकती है। खासतौर पर संभाजी महाराज की मृत्यु के बाद उनके भीतर की असहजता और सहनशीलता के अंत को प्रभावशाली ढंग से दिखाया गया है।

रश्मिका मंदाना ने येशुबाई की भूमिका में गजब का काम किया है। उनके संवादों में पति के प्रति प्रेम, अभिमान और वीरांगना का तेज झलकता है। उन्होंने इस किरदार को पूरी तरह से न्याय दिया है।

विनीत सिंह ने कवि कलश के रूप में उत्कृष्ट अभिनय किया है। उनकी कविताएं और संवाद हर दृश्य को प्रेरणादायक बनाते हैं। उनकी आवाज़ और अभिव्यक्ति ने इस चरित्र को एक अलग ऊंचाई दी है।

इतिहास का कड़वा सच – गद्दारी तब भी थी, और आज भी है

फिल्म यह भी दर्शाती है कि वीरों की राह में केवल युद्ध ही नहीं, बल्कि गद्दारी भी सबसे बड़ा खतरा होती है। तब भी कुछ स्वार्थी तत्वों के कारण संभाजी महाराज औरंगजेब के हाथों में पड़े थे, और आज भी समाज में ऐसे लोग मौजूद हैं जो अपने निजी स्वार्थ के लिए किसी के भी साथ धोखा कर सकते हैं।

"छावा" सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि एक प्रेरणा

यह सिनेमा दर्शकों को इतिहास के उन स्वर्णिम और रक्तरंजित पलों से जोड़ता है, जब हिंदवी स्वराज्य की रक्षा के लिए एक सच्चे योद्धा ने अपने प्राणों की आहुति दी थी। यह फिल्म केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि एक भावनात्मक और प्रेरणादायक अनुभव है, जो हर भारतीय के दिल में गर्व और जोश भर देता है।

अनिल गलगली

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Saturday, 15 February 2025

बॉलीवूडचे हिरो हे आपल्या आयुष्यातील हिरो असता कामा नये- समीर वानखेडे

बॉलीवूडचे हिरो हे आपल्या आयुष्यातील हिरो असता कामा नये- समीर वानखेडे

अंमली पदार्थ विरोधी मोहिमेअंतर्गत डहाणूकर महाविद्यालय येथे व्याख्यान

भारत विकास परिषद विलेपार्ले शाखा आणि डहाणूकर महाविद्यालय यांच्या संयुक्त विद्यमाने अंमली पदार्थ विरोधी मोहिमेअंतर्गत डहाणूकर महाविद्यालय विलेपार्ले येथील विद्यार्थ्यांकरिता सुप्रसिद्ध आयआरएस अधिकार समीर वानखेडे यांचे व्याख्यान आयोजित करण्यात आले होते. या व्याख्यानामध्ये समीर वानखेडे यांनी विद्यार्थ्यांना अतिशय मोलाचे मार्गदर्शन केले आणि अंमली पदार्थापासून स्वतःचे संरक्षण करणे त्याचप्रमाणे समाजात देखील त्याचा प्रादुर्भाव होणार नाही या दृष्टिकोनातून काय उपाययोजना केल्या पाहिजेत या याबाबत माहिती दिली. त्यांनी हाताळलेल्या केसेस बद्दल देखील थोडक्यात माहिती दिली. विशेषता बॉलीवूड संबंधातील केसेस बद्दल विद्यार्थ्यांमध्ये उत्सुकता होती त्या दृष्टिकोनातून त्यांनी विचारलेल्या प्रश्नाला देखील समीर वानखेडे यांनी समर्पक उत्तरे दिली. बॉलीवूडचे हिरो हे आपल्या आयुष्यातील हिरो असता कामा नये तर  ज्या महान व्यक्तींनी आपल्या देशासाठी सर्वस्व त्याग केले असे  छत्रपती शिवाजी महाराज, स्वातंत्र्यवीर सावरकर, बाजीप्रभू देशपांडे, तानाजी मालुसरे हे आपल्या जीवनामध्ये आदर्श असले पाहिजेत असे त्यांनी विद्यार्थ्यांना सांगितले. 

भारत विकास परिषद विलेपार्ले शाखा तसेच डहाणूकर महाविद्यालय या दोन्ही संस्थांनी श्री समीर वानखेडे यांचा  याप्रसंगी सत्कार केला. या कार्यक्रमासाठी पार्ले टिळक विद्यालय असोसिएशनचे ट्रस्टी श्री दिलीप पेठे आणि डहाणूकर कॉलेजचे  प्राध्यापक डॉक्टर विनय भोळे हे जातीने उपस्थित होते. 

भारत विकास परिषद विलेपार्ले शाखेचे अध्यक्ष अविनाश धर्माधिकारी यांच्या पुढाकाराने हा कार्यक्रम आयोजित केला गेला होता. भारत विकास परिषद विलेपार्ले शाखेचे सचिव संदीप पारीक, सह सचिव ललित छेडा आणि कोषाध्यक्ष प्रशांत गंगवाल हे देखील याप्रसंगी उपस्थित होते. प्रतिमा गायतोंडे यांनी कार्यक्रमाच्या सुरुवातीला संपूर्ण वंदे मातरम गीत सादर केले.

भारत विकास परिषद ही अराजकीय सामाजिक संस्था आहे आणि या संस्थेच्या संपूर्ण भारतामध्ये 1600 पेक्षा जास्त शाखा आहेत त्यापैकी विलेपार्ले ही एक शाखा आहे. या शाखेमार्फत सामाजिक उपक्रम मोठ्या प्रमाणावर राबवले जातात. सध्या समाजामध्ये अमली पदार्थाचा जो विळखा वाढत चालला आहे ते लक्षात घेता जनजागृती आणि विशेषता विद्यार्थ्यांमध्ये जनजागृती करण्याच्या दृष्टिकोनातून एक विशेष कार्यशाळा आयोजित केली आहे.‌

Monday, 10 February 2025

अजीथा नायर एजुकेशनल ट्रस्ट द्वारा रोमांचक वार्षिक खेल प्रतियोगिता का आयोजन

अजीथा नायर एजुकेशनल ट्रस्ट द्वारा रोमांचक वार्षिक खेल प्रतियोगिता का आयोजन

अजिथा नायर एजुकेशनल ट्रस्ट ने कुर्ला पश्चिम स्थित कोहिनूर टर्फ में अपने बहुप्रतीक्षित वार्षिक खेलकूद मीट 2024-2025 का सफलतापूर्वक आयोजन किया, जिसमें 250 से अधिक अभिभावकों और प्री-प्राइमरी और प्राइमरी सेक्शन के लगभग 400 छात्रों सहित 650 से अधिक उपस्थित लोगों की उत्साही भागीदारी देखी गई।

इस भव्य कार्यक्रम की शुरुआत समाजसेवी मनोज नाथानी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली और अजीथा नायर द्वारा पारंपरिक दीप प्रज्ज्वलन समारोह के साथ हुई। जिसने ऊर्जा, उत्साह और खेल भावना से भरे एक एक्शन से भरपूर दिन की शुरुआत की। राहुल नायर और सशांत नायर के नेतृत्व में यह कार्यक्रम अनुशासन, टीम वर्क और एथलेटिक उत्कृष्टता का उत्सव था।

दिन का एक मुख्य आकर्षण मार्च पास्ट और मार्शल परेड था, जिसमें छात्रों ने उल्लेखनीय तालमेल और अनुशासन का प्रदर्शन किया। नैराइट्स मंचकिंस ने अपने पोम-पोम नृत्य प्रदर्शन से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया, जबकि नन्हे-मुन्ने बच्चों ने मज़ेदार वार्म-अप अभ्यास और फिट योग सत्र में भाग लिया, जिसमें उन्होंने अपनी लचीलापन और उत्साह दिखाया।

खेल प्रतियोगिता में विभिन्न प्रकार की ट्रैक और फील्ड स्पर्धाएं शामिल थीं, जिनमें स्प्रिंटिंग, डिस्टेंस रनिंग, बनी रेस, पिकनिक रेस, साइड वॉक रेस, कोन कलेक्शन, हर्डल्स, वन-लेग रेस, रिले और टग ऑफ वॉर शामिल थीं। उत्साह को बढ़ाते हुए, अभिभावकों ने मनोरंजक दौड़ में सक्रिय रूप से भाग लिया, जबकि शिक्षकों की दौड़ ने कार्यक्रम को रोमांचक समापन तक पहुंचाया। सभी विजेताओं और प्रतिभागियों को खेल के प्रति उनके समर्पण और जुनून को मान्यता देते हुए प्रमाण पत्र, पदक और प्रतिष्ठित ट्रॉफी से सम्मानित किया गया।

इस मौके पर अरशद खान, अक्षिता लाड, अजय शुक्ला, रुपेश पांडे, संदीप गुप्ता, इस्माइल पठान, राजेश दाभोलकर, आशीष पटवा, सूरज पांडे विशेष मेहमान के तौर पर उपस्थित थे।

Saturday, 8 February 2025

प्रबोधन कुर्ला स्कूल का वार्षिक स्नेह संमेलन हर्षोल्लास से संपन्न

प्रबोधन कुर्ला स्कूल का वार्षिक स्नेह संमेलन हर्षोल्लास से संपन्न

प्रबोधन कुर्ला प्री-प्राइमरी, प्राइमरी और सेकेंडरी स्कूल का वार्षिक स्नेह संमेलन हाल ही में कुर्ला पश्चिम स्थित राजे शिव छत्रपति खेल मैदान में बड़े उत्साह और उमंग के साथ संपन्न हुआ। इस वर्ष का विशेष आकर्षण ‘पक्षी’ थीम पर आधारित 15 रंगारंग नृत्य प्रस्तुतियाँ रहीं, जिनके माध्यम से विद्यार्थियों ने पक्षियों के संरक्षण और जागरूकता का संदेश दिया। इस शानदार आयोजन में कुल 250 विद्यार्थियों ने भाग लिया।

कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने के लिए अभिनेता संजय मोने, नीलेश गोपनारायण, कोरियोग्राफर सुभाष नकाशे, अश्विन मेश्राम, प्रेमसागर मेस्त्री, रामदास भोसले, भालचंद्र दलवी, प्रमोद मोरजकर, अजय शुक्ला, आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली, संस्था के अध्यक्ष और शिवसेना उपनेता भाऊ कोरगांवकर, ट्रस्टी शलाका कोरगांवकर, जयदीप हांडे, नीलेश कोरगांवकर, प्रधानाध्यापिका विद्या फलके और शिक्षिका विशाखा परब सहित कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।

किरण और वैशाली वावरे तथा साईनाथ और महानंदा बनसोडे को अनुकरणीय माता-पिता के रूप में सम्मानित किया गया। शिक्षकों में विभावरी शिरगांवकर (पूर्व-प्राथमिक), शुभांगी मेमाने (प्राथमिक) और सुदर्शन शिर्के (माध्यमिक) को रचनात्मक शिक्षक पुरस्कार से नवाज़ा गया। यह स्नेह संमेलन न केवल विद्यार्थियों के लिए एक मंच बना, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक सार्थक संदेश भी दे गया।