Wednesday, 30 December 2020
Central Railway fails to recover hoardings fines
होर्डिंग्स का जुर्माना वसूलने में मध्य रेलवे फेल
होर्डिंग्ज दंड वसूल करण्यात मध्य रेल्वे अपयशी ठरली
Wednesday, 16 December 2020
Mithi River doesn't get a penny from the centre
केंद्र से मीठी नदी को फूटी कौड़ी नहीं मिली
26 जुलाई, 2005 को मुंबई में मीठी नदी को बाढ़ आई थी, जिसके बाद केंद्र सरकार ने विकास और सुरक्षा के लिए सहायता की घोषणा की। गत 15 वर्षों में मीठी नदी को आजतक केंद्र सरकार से फूटी कौड़ी नहीं मिलने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को एमएमआरडीए प्रशासन ने दी है। केंद्र से कुल रु 1657.11 करोड़ रकम की मांग की गई थी।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने एमएमआरडीए प्रशासन से मीठी नदी विकास काम अंतर्गत एमएमआरडीए और मनपा द्वारा किया हुआ विकास विकास काम और केंद्र से मांगी हुई रकम और अबतक प्राप्त रकम की जानकारी मांगी थी। एमएमआरडीए प्रशासन ने अनिल गलगली को बताया कि मीठी नदी विकास काम अंतर्गत एमएमआरडीए द्वारा किया गया विकास काम के लिए केंद्र से मांगी हुई रकम रु 417.51 इतनी थी और मनपा द्वारा किए विकास काम के लिए रु 1239.60 करोड़ इतने रकम की मांग की थी। एमएमआरडीए को अबतक किसी भी तरह से रकम प्राप्त नही हुई है।
26 जुलाई 2005 को हुई भारी बारिश से मीठी नदी को बाढ़ आई थी और तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने मीठी नदी के लिए आर्थिक मदद की घोषणा भी की थी। उसके बाद ही राज्य सरकार ने मीठी नदी विकास व संरक्षण प्राधिकरण का गठन किया था। अनिल गलगली के अनुसार फंड के अभाव में नदी की और दुर्दशा हुई है और जो रकम खर्च करने का दावा किया गया है उसका ऑडिट करने की आवश्यकता है। केंद्र सरकार ने अपने बात पर कायम रहकर खर्च की प्रतिपूर्ती करने की जरुरत होने की बात गलगली ने कही है।
केंद्र से मीठी नदी को फूटी कौड़ी नहीं मिली
26 जुलाई, 2005 को मुंबई में मीठी नदी को बाढ़ आई थी, जिसके बाद केंद्र सरकार ने विकास और सुरक्षा के लिए सहायता की घोषणा की। गत 15 वर्षों में मीठी नदी को आजतक केंद्र सरकार से फूटी कौड़ी नहीं मिलने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को एमएमआरडीए प्रशासन ने दी है। केंद्र से कुल रु 1657.11 करोड़ रकम की मांग की गई थी।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने एमएमआरडीए प्रशासन से मीठी नदी विकास काम अंतर्गत एमएमआरडीए और मनपा द्वारा किया हुआ विकास विकास काम और केंद्र से मांगी हुई रकम और अबतक प्राप्त रकम की जानकारी मांगी थी। एमएमआरडीए प्रशासन ने अनिल गलगली को बताया कि मीठी नदी विकास काम अंतर्गत एमएमआरडीए द्वारा किया गया विकास काम के लिए केंद्र से मांगी हुई रकम रु 417.51 इतनी थी और मनपा द्वारा किए विकास काम के लिए रु 1239.60 करोड़ इतने रकम की मांग की थी। एमएमआरडीए को अबतक किसी भी तरह से रकम प्राप्त नही हुई है।
26 जुलाई 2005 को हुई भारी बारिश से मीठी नदी को बाढ़ आई थी और तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने मीठी नदी के लिए आर्थिक मदद की घोषणा भी की थी। उसके बाद ही राज्य सरकार ने मीठी नदी विकास व संरक्षण प्राधिकरण का गठन किया था। अनिल गलगली के अनुसार फंड के अभाव में नदी की और दुर्दशा हुई है और जो रकम खर्च करने का दावा किया गया है उसका ऑडिट करने की आवश्यकता है। केंद्र सरकार ने अपने बात पर कायम रहकर खर्च की प्रतिपूर्ती करने की जरुरत होने की बात गलगली ने कही है।
केंद्र से मीठी नदी को फूटी कौड़ी नहीं मिली
26 जुलाई, 2005 को मुंबई में मीठी नदी को बाढ़ आई थी, जिसके बाद केंद्र सरकार ने विकास और सुरक्षा के लिए सहायता की घोषणा की। गत 15 वर्षों में मीठी नदी को आजतक केंद्र सरकार से फूटी कौड़ी नहीं मिलने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को एमएमआरडीए प्रशासन ने दी है। केंद्र से कुल रु 1657.11 करोड़ रकम की मांग की गई थी।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने एमएमआरडीए प्रशासन से मीठी नदी विकास काम अंतर्गत एमएमआरडीए और मनपा द्वारा किया हुआ विकास विकास काम और केंद्र से मांगी हुई रकम और अबतक प्राप्त रकम की जानकारी मांगी थी। एमएमआरडीए प्रशासन ने अनिल गलगली को बताया कि मीठी नदी विकास काम अंतर्गत एमएमआरडीए द्वारा किया गया विकास काम के लिए केंद्र से मांगी हुई रकम रु 417.51 इतनी थी और मनपा द्वारा किए विकास काम के लिए रु 1239.60 करोड़ इतने रकम की मांग की थी। एमएमआरडीए को अबतक किसी भी तरह से रकम प्राप्त नही हुई है।
26 जुलाई 2005 को हुई भारी बारिश से मीठी नदी को बाढ़ आई थी और तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने मीठी नदी के लिए आर्थिक मदद की घोषणा भी की थी। उसके बाद ही राज्य सरकार ने मीठी नदी विकास व संरक्षण प्राधिकरण का गठन किया था। अनिल गलगली के अनुसार फंड के अभाव में नदी की और दुर्दशा हुई है और जो रकम खर्च करने का दावा किया गया है उसका ऑडिट करने की आवश्यकता है। केंद्र सरकार ने अपने बात पर कायम रहकर खर्च की प्रतिपूर्ती करने की जरुरत होने की बात गलगली ने कही है।
मिठी नदीला अद्यापही केंद्राकडून दमडीही नाही
Revenue from hoardings of Central and Western Railway soars high
Tuesday, 24 November 2020
Revenue from hoardings of Central and Western Railway soars high
मध्य आणि पश्चिम रेल्वेच्या होर्डिंगच्या उत्पन्नात वाढ झाली
मध्य और पश्चिम रेलवे की होर्डिंग की आय बढ़ी
Wednesday, 18 November 2020
मुख्यमंत्री सहायता निधीत योगदान देणा-या राजकीय पक्षाची माहिती देण्यास प्रतिबंध
Friday, 30 October 2020
बिजली बिगाड़ पर उपाय योजना करने बिजली कंपनियों पर ऊर्जा विभाग ने जारी किया आदेश
Department of Energy issues orders to power companies to remedy power outages
वीज बिघाडावर उपाययोजना करण्यासाठी ऊर्जा विभागाने वीज कंपन्यांना जारी केले आदेश
वीज बिघाडावर उपाययोजना करण्यासाठी ऊर्जा विभागाने वीज कंपन्यांना जारी केले आदेश
Wednesday, 28 October 2020
Chief Minister recommends Nominated Members directly to Governor- RTI
मुख्यमंत्री सीधे राज्यपाल को नामित सदस्यों की सिफारिश करता है- आरटीआई
मुख्यमंत्री राज्यपाल नामित नामनिर्देशित सदस्यांची शिफारस थेट राज्यपालांना करतात - आरटीआय
Wednesday, 21 October 2020
1061 Constable & Assistant Sub-Inspectors in the state became Sub-Inspectors
राज्य के 1061 हवालदार और सहायक पुलिस इंस्पेक्टर बने सब-इंस्पेक्टर
राज्यातील 1061 अंमलदार आणि सहायक उप निरीक्षक बनले उपनिरीक्षक
वर्ष 2013 पासून प्रलंबित पदोन्नती प्रकरणात पोलीस महासंचालक पासून गृह मंत्रालयाच्या चालढकल धोरणाचा फटका राज्यातील हजारो अंमलदार आणि सहायक उप निरीक्षक यांस बसला होता पण आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांच्या सततच्या प्रयत्नाला यश मिळाले असून पोलीस महासंचालक कार्यालयाच्या परिपत्रकानंतर राज्यातील 1061 अंमलदार आणि सहायक उप निरीक्षक पोलीस उपनिरीक्षक बनले आहे.
पोलीस उपनिरीक्षक पदाच्या परीक्षेत उत्तीर्ण झालेल्या पोलीस अंमलदार असो किंवा सहाय्यक पोलीस उपनिरीक्षक हे मागील 7 वर्षांपासून पदोन्नतीच्या प्रतीक्षेत होते. आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी या प्रकरणात लक्ष घालत अपर मुख्य सचिव सीताराम कुंटे यांची भेट घेतली आणि सविस्तर माहिती दिली. कुंटे यांसकडून वेगाने हालचाली झाल्या आणि गृहमंत्री अनिल देशमुख यांच्या कार्यालयात प्रलंबित नस्तीवर अखेर सही झाली. मागील वर्षीच या पदोन्नती होणे अपेक्षित होत्या पण दुर्दैवाने निर्णय घेण्याचा अधिकार पोलीस महासंचालक कार्यालयास असतांना सुद्धा गृह मंत्रालयाकडे नस्ती पाठवून वेळखाऊ धोरण अवलंबिले गेले.
नुकतेच पदोन्नती मिळाल्यानंतर राज्यातील पोलीस उपनिरीक्षक यांनी अनिल गलगली यांस व्यक्तिगत संपर्क करत आणि मोबाईलवरुन आभार मानले आहेत. अनिल गलगली यांनी स्पष्ट केले आहे की शासनाने योग्य वेळी निर्णय घेणे अपेक्षित आहे तसेच या प्रकरणाचा धडा घेत शासनाने सर्व विभागाला सदविवेक बुद्धीचा वापर करत झटपट निर्णय घेण्याच्या सूचना जारी कराव्यात.