Tuesday, 28 October 2025

गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में तीन दिवसीय कन्या कौशल प्रशिक्षक प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ

जीवन की दिशा तय करनी है, तो विचारों पर पैनी नज़र रखो – शैफाली पण्ड्या

गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में तीन दिवसीय कन्या कौशल प्रशिक्षक प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ

गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में तीन दिवसीय कन्या कौशल प्रशिक्षक प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ हुआ। राजस्थान से आई तीन सौ से अधिक बालिकाएँ और प्रशिक्षिकाएँ इसमें भाग ले रही हैं। शिविर का उद्देश्य कन्याओं में आत्मनिर्भरता, संस्कार, शिक्षा और सुरक्षा से संबंधित मूल्यों का विकास करना है, ताकि वे आत्मविश्वासी और सशक्त बन सकें।

शांतिकुंज महिला मंडल की प्रमुख श्रीमती शैफाली पण्ड्या ने कहा कि “जब इंसान अपनी सोच को केवल घर तक सीमित रखता है, तो उसकी समस्याएँ भी सीमित रहती हैं; लेकिन जब वह समाज के प्रति जागरूक होता है, तभी उसकी सोच व्यापक बनती है।”
उन्होंने कहा कि साठ के दशक में ही युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य और वंदनीया माता भगवती देवी शर्मा ने नारी जागरण आंदोलन की शुरुआत की थी। उसी दिशा में आज अखिल विश्व गायत्री परिवार निरंतर प्रयासरत है, जिससे नारियाँ शिक्षित, संस्कारवान और आत्मनिर्भर बन सकें।

श्रीमती पण्ड्या ने कहा कि “आज हर नारी के लिए आवश्यक है कि वह अपनी संस्कृति और पहचान को बनाए रखे तथा आने वाली पीढ़ी को भी संस्कारवान बनाए।” उन्होंने बालिकाओं को अपने अभिभावकों से स्वस्थ संवाद बनाए रखने की प्रेरणा भी दी। इससे पूर्व शांतिकुंज के विषय-विशेषज्ञों ने विभिन्न सत्रों के माध्यम से प्रतिभागियों को मार्गदर्शन प्रदान किया।

Monday, 27 October 2025

आईएफटीएए अवार्ड्स की ट्रॉफी का भव्य लॉन्च

आईएफटीएए अवार्ड्स की ट्रॉफी का भव्य लॉन्च

पद्मिनी कोल्हापुरे और पूनम ढिल्लों सहित कई हस्तियां रहीं मौजूद


देश की रक्षा में शहीद हुए वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करने और उनके परिवारों को सम्मानित करने के उद्देश्य से समाजसेवी एवं व्यवसायी कुशल सुरेश धुरी द्वारा आयोजित आईएफटीएए (IFTA Awards) समारोह की तीन शानदार ट्रॉफियों का भव्य अनावरण मुंबई के द क्लब में किया गया।

इस अवसर पर हिंदी सिनेमा की लोकप्रिय अभिनेत्रियाँ पद्मिनी कोल्हापुरे और पूनम ढिल्लों विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। कार्यक्रम की शुरुआत में कुशल सुरेश धुरी ने सभी अतिथियों का स्वागत एवं सम्मान किया।

कार्यक्रम में मनीष धुरी, वारिस पठान, फिल्म लेखक इम्तियाज हुसैन, आनंद बलराज, माही शर्मा (कुमकुम भाग्य फेम), रमेश गोयल, अली खान, रेश्मा टिपनिस, जयंत वाडकर, विजय पाटकर, डीएमसी संजय महाले, आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली, मुंबई भाजपा के प्रवक्ता उदय प्रताप सिंह, आईआरएस अधिकारी दीपक पंडित व रवि सुबर्णा, विनोद मेहता, नवीन प्रभाकर, पल्लवी शिंदे, दीपक कपाड़िया, पप्पू भाई, चैतन्य पादुकोण, मोदी जी के हमशक्ल विकास महंते, प्रशांत राणे सहित कई गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।

इस अवसर पर अभिनेता एवं निर्माता अमोल बावधनकर ने भी कुशल धुरी की पहल की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन समाज में प्रेरणा जगाते हैं।

मुख्य आयोजन श्री रत्ना बालाजी फिल्म्स के बैनर तले 26 नवंबर 2025 को मुंबई के चित्रकूट ग्राउंड में आयोजित होगा। इस शो के डायरेक्टर राजीव चौधरी, सह-आयोजक सुरेंद्र पाल और रमाकांत मुंडे होंगे।

सीनियर अभिनेत्री पूनम ढिल्लों ने कहा कि फ़िल्मों में हीरो बनना आसान है, मगर रियल लाइफ हीरो बनना साहस और त्याग का काम है। देश के जवानों और पुलिसकर्मियों का सम्मान करना बहुत सराहनीय कदम है।

पद्मिनी कोल्हापुरे ने कहा कि देश की रक्षा करने वाले असली हीरो हैं। उनके परिवारों की सहायता के लिए समाज को आगे आना चाहिए। कुशल धुरी का यह प्रयास प्रशंसनीय है।

आयोजक कुशल सुरेश धुरी ने कहा कि मुंबई में हुए 26/11 के आतंकी हमले ने देश की आत्मा को झकझोर दिया था। उन शहीदों की वीरता, बलिदान और परिवारों के साहस को नमन करने के लिए ही आईएफटीएए अवार्ड्स की शुरुआत की गई है।
हमारा उद्देश्य है कि समाज में रियल हीरोज़ को भी वही सम्मान मिले जो रील हीरोज़ को मिलता है। यह अवॉर्ड समारोह केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि उन वीरों के प्रति कृतज्ञता की अभिव्यक्ति है जिन्होंने राष्ट्र के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर किया।

इस कार्यक्रम के मीडिया पीआर की जिम्मेदारी रमाकांत मुंडे (मुंडे मीडिया) ने सफलता पूर्वक निभाई।

थॅलेसेमिया जनजागृती कार्यशाळा 3.0

थॅलेसेमिया जनजागृती कार्यशाळा 3.0

“वाद नको, संवाद पाहिजे" समन्वयातून आरोग्य सेवेचा लाभ पाहिजे”

थॅलेसेमिया या गंभीर आनुवंशिक आजाराबाबत नागरिकांमध्ये जागरूकता निर्माण करण्याच्या उद्देशाने सायन येथील लो. टी. म. स. रुग्णालय (लोकमान्य टिळक स्मृती रुग्णालय) येथे “थॅलेसेमिया जनजागृती कार्यशाळा 3.0” हा सामाजिक आणि आरोग्यदृष्ट्या अत्यंत महत्त्वपूर्ण उपक्रम यशस्वीरीत्या पार पडला.

ही कार्यशाळा “वाद नको, संवाद पाहिजे" समन्वयातून आरोग्य सेवेचा लाभ पाहिजे” या संदेशासह आयोजित करण्यात आली होती. रुग्ण, त्यांचे पालक, सामाजिक संस्था आणि आरोग्य क्षेत्रातील तज्ज्ञ एकत्र येऊन या आजारावर जनजागृती आणि प्रतिबंधात्मक उपाय यावर विचारमंथन करण्यात आले.

या कार्यशाळेत तज्ज्ञ डॉक्टरांनी थॅलेसेमिया म्हणजे काय, त्याची कारणे, लक्षणे, निदान, उपचार पद्धती तसेच विवाहपूर्व रक्त तपासणीचे महत्त्व या विषयांवर सखोल माहिती दिली.

तज्ज्ञांनी सांगितले की थॅलेसेमिया हा एक आनुवंशिक रक्ताचा आजार असून, त्यात शरीरात हिमोग्लोबिन निर्माण होण्याची प्रक्रिया बिघडते. या आजारावर औषधोपचारांपेक्षा जागरूकता आणि वेळेवर तपासणी हेच प्रभावी प्रतिबंधक उपाय आहेत. विवाहपूर्व ‘थॅलेसेमिया कॅरिअर टेस्ट’ प्रत्येक तरुण-तरुणीने करून घेणे गरजेचे आहे, असा संदेश देण्यात आला.

या उपक्रमाच्या यशस्वी आयोजनात रुग्णमित्र मार्गदर्शक अनिल गलगली, विनोद साडविलकर आणि संपूर्ण रुग्णमित्र संलग्न सामाजिक संस्था परिवाराने गेल्या अनेक दिवसांपासून नियोजन, समन्वय आणि कार्यवाहीत मनःपूर्वक सहभाग घेतला. त्यांच्या सातत्यपूर्ण प्रयत्नांमुळे कार्यशाळेचे आयोजन केवळ यशस्वीच नव्हे, तर मानवतेच्या सेवेला समर्पित उपक्रमाचे उत्कृष्ट उदाहरण ठरले. या उपक्रमात सहयोगी संस्था मुंबई यांनीही सक्रीय सहभाग नोंदवला. त्यांचे सहकार्य, संसाधन आणि संघटन कौशल्य या कार्यक्रमाच्या यशात मोलाचे ठरले.

समाज सेवा विभागाच्या वतीने विभाग प्रमुख व मुख्य समाज विकास अधिकारी डॉ. प्रकाश गायकवाड यांनी उपस्थितांना उद्देशून सांगितले की “थॅलेसेमिया रुग्ण आणि त्यांच्या कुटुंबीयांना आवश्यक ते सर्व सहकार्य, मार्गदर्शन आणि मदत देण्यासाठी समाज सेवा विभाग सदैव तत्पर राहील. आरोग्य सेवा केवळ उपचारापुरती मर्यादित नसून, ती एक सामाजिक जबाबदारी आहे.” त्यांनी पुढे सांगितले की या उपक्रमातून निर्माण झालेला संवाद भविष्यात थॅलेसेमिया मुक्त महाराष्ट्राच्या दिशेने एक ठोस पाऊल ठरेल.

या कार्यशाळेच्या यशस्वी आयोजनासाठी प्रेरणा आणि मार्गदर्शन देणारे डॉ. मोहन जोशी (अधिष्ठाता, लो. टी. म. स. रुग्णालय), डॉ. राधा गढीयाल, डॉ. सुजाता शर्मा, डॉ. पूर्वी कुट्टी, डॉ. पूर्वा राणे-सुर्वे, विनय शेट्टी, विद्याधर गांगुर्डे, गजानन नार्वेकर, गणेश पवार, धनंजय पवार, रमेश चव्हाण, प्रफुल्ल नवार, निरंजन आहेर, जय साटेलकर, अमोल सावंत, श्रध्दा अष्टीवकर, रोटरी क्लब ऑफ भांडूप मुंबई, सीमा क्षीरसागर, तरुण युवक मंडळ भारतीबेन संगोई, प्रशांत म्हात्रे, गणेश आमडोसकर, बाबू बतेली, रत्नाकर शेट्टी, रियाज मुल्ला, सुभाष गायकवाड यांचे विशेष आभार मानण्यात आले.

कार्यक्रमाच्या समारोप प्रसंगी उपस्थितांनी ठरवले की आगामी काळात थॅलेसेमियाबाबत अधिक जनजागृतीसाठी शाळा, महाविद्यालये आणि समाज संस्थांमध्ये संवाद सत्रे आयोजित करण्यात येतील.

कार्यक्रमाची सांगता या प्रेरणादायी ओळींनी करण्यात आली .

“थॅलेसेमियावर जनजागृतीचा दीप लावू,
सेवेच्या वाटेवर एकत्र चालू।
रुग्णमित्रांनी दाखवली मानवतेची वाट,
प्रेम, समर्पण, आणि आरोग्य यांचा संवाद॥”


Wednesday, 22 October 2025

देसंविवि के गौशाला परिसर में पारंपरिक गरिमा के साथ सम्पन्न हुआ गोवर्धन पूजन

देसंविवि के गौशाला परिसर में पारंपरिक गरिमा के साथ सम्पन्न हुआ गोवर्धन पूजन

हरिद्वार स्थित देव संस्कृति विश्वविद्यालय, शांतिकुंज के गौशाला परिसर में गोवर्धन पूजन का पर्व श्रद्धा, भक्ति और उल्लास के साथ मनाया गया। वैदिक मंत्रोच्चार और पारंपरिक सजावट से सजे इस आयोजन में विश्वविद्यालय परिवार एवं प्रशिक्षणार्थियों की सहभागिता रही।

कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने विधिवत पूजन कर गौ माता की आरती की। उन्होंने श्रीकृष्ण की गोवर्धन लीला का उल्लेख करते हुए कहा कि यह पर्व हमें कठिनाइयों में धैर्य और साहस बनाए रखने की प्रेरणा देता है।

पूजन स्थल को गोबर से निर्मित गोवर्धन स्वरूपों से सजाया गया था। इस अवसर पर गायत्री परिवार प्रमुखद्वय डॉ. प्रणव पण्ड्या और शैलदीदी ने शुभकामनाएँ दीं। कार्यक्रम में कुलपति शरद पारधी, व्यवस्थापक योगेन्द्र गिरि, विभागाध्यक्ष, प्रशिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।

Tuesday, 21 October 2025

शांतिकुंज एवं देसंविवि में दीपावली उत्साहपूर्वक मनाई गई

शांतिकुंज एवं देसंविवि में दीपावली उत्साहपूर्वक मनाई गई


गायत्री तीर्थ शांतिकुंज एवं देवसंस्कृति विश्वविद्यालय परिसर में दीपावली का पावन पर्व श्रद्धा, उल्लास और वैदिक परंपरा के साथ अत्यंत उत्साहपूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर शांतिकुंज की बहनों ने पूरे परिसर को आकर्षक रंगोलियों, दीपों और पुष्प सज्जा से भव्य रूप प्रदान किया।

मुख्य कार्यक्रम में अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रमुख श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या एवं संस्था की अधिष्ठात्री श्रद्धेया शैल दीदी ने वैदिक विधि-विधान से बहीखाता पूजन किया। इस अवसर पर वेदमाता गायत्री ट्रस्ट के ट्रस्टी एवं लेखा विभाग प्रभारी हरीश ठक्कर ने भी बही खातों का पूजन किया। कार्यक्रम का संचालन शांतिकुंज के संस्कार प्रकोष्ठ के आचार्यों द्वारा किया गया।

अपने संदेश में डॉ. प्रणव पण्ड्या ने कहा कि दीपावली प्रकाश, पवित्रता और आत्मज्योति का प्रतीक पर्व है, जो हमें अपने घर, कार्यस्थल और अंत:करण को स्वच्छ एवं प्रकाशमान बनाए रखने की प्रेरणा देता है। उन्होंने कहा कि माँ लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए अपने विचार, आचरण और जीवनशैली को शुद्ध बनाना आवश्यक है।

संस्था की अधिष्ठात्री श्रद्धेया शैल दीदी ने अपने संदेश में कहा कि दीपक केवल एक लौ नहीं, बल्कि सेवा, स्नेह और आत्म-प्रकाश का प्रतीक है। हमें अपने ज्ञान, समय और संसाधनों का कुछ अंश दूसरों के जीवन से अंधकार मिटाने में लगाना चाहिए — यही दीपावली की सच्ची साधना है।

शांतिकुंज परिवार ने इस पर्व को केवल धार्मिक उत्सव के रूप में नहीं, बल्कि संस्कार, सेवा और आत्मविकास के संकल्प के साथ मनाया। इस अवसर पर देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति एवं युवा प्रतिनिधि डॉ. चिन्मय पण्ड्या, शैफाली पण्ड्या, हरीश ठक्कर, शिवप्रसाद मिश्र, योगेन्द्र गिरि सहित देश-विदेश से आए हजारों साधक उपस्थित रहे।

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Sunday, 19 October 2025

देवसंस्कृति विश्वविद्यालय फार्मेसी विभाग व शांतिकुंज में उत्साहपूर्वक मनाई गई भगवान धन्वंतरि जयंती

देवसंस्कृति विश्वविद्यालय फार्मेसी विभाग व शांतिकुंज में उत्साहपूर्वक मनाई गई भगवान धन्वंतरि जयंती

देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के फार्मेसी विभाग एवं शांतिकुंज हरिद्वार में आयुर्वेदाचार्य भगवान धन्वंतरि की जयंती श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाई गई। इस अवसर पर आयुर्वेद के पुनरुत्थान एवं प्राकृतिक जीवनशैली को अपनाने का आह्वान किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ फार्मेसी विभाग परिसर में सामूहिक हवन एवं भगवान धन्वंतरि पूजन से हुआ। विद्यार्थियों एवं शिक्षकों ने वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य भगवान धन्वंतरि से आरोग्य, समृद्धि एवं जीवन में संतुलन की प्रार्थना की।

अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख डॉ. प्रणव पण्ड्या ने संदेश दिया कि “भगवान धन्वंतरि देवताओं के वैद्य हैं और उन्हें भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। उन्होंने आयुर्वेद शास्त्र की स्थापना कर मानवता को स्वास्थ्य, संतुलन और दीर्घायु का मार्ग प्रदान किया।”

देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति युवा आइकॉन डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि “ईश्वर ने हमें श्रेष्ठ मानव काया दी है। इसे प्राकृतिक जीवनशैली द्वारा स्वस्थ रखकर जीवन के उच्चतम उद्देश्य की ओर अग्रसर होना ही हमारी साधना है।”

शांतिकुंज मुख्य सभागार में आयोजित संगोष्ठी में सभी वक्ताओं और प्रतिनिधियों ने भगवान धन्वंतरि से जुड़ी पौराणिक एवं आयुर्वेदिक परंपराओं का उल्लेख करते हुए प्रकृति के अनुकूल जीवन जीने की प्रेरणा दी।

उपस्थित प्रमुख सदस्य एवं वक्ता के तौर पर योगेन्द्र गिरि, डॉ. वन्दना श्रीवास्तव, डॉ. ज्ञानेश्वर मिश्र, डॉ. अलका मिश्रा, डॉ. ए.के. पाण्डेय, डॉ. भावना शर्मा, डॉ. चंचल त्रिपाठी, डॉ. नेहा भट्ट, डॉ. मोनिका शर्मा, डॉ. अर्चना पाण्डेय, प्रो. रविशंकर तिवारी, डॉ. अजय शर्मा उपस्थित थे।

कार्यक्रम में फार्मेसी विभाग के संकाय सदस्य, विद्यार्थी, शोधार्थी एवं शांतिकुंज परिवार के अनेक प्रतिनिधि उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में सभी ने आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार और समग्र आरोग्य अभियान को गति देने का संकल्प लिया।
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Friday, 17 October 2025

देव संस्कृति विश्वविद्यालय में ‘राष्ट्र निर्माण में मीडिया की भूमिका’ विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन

देव संस्कृति विश्वविद्यालय में ‘राष्ट्र निर्माण में मीडिया की भूमिका’ विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन

मीडिया की भूमिका सशक्त हो — दत्तात्रेय होसबोले

पत्रकारों को संस्कृति के विस्तार में योगदान देना चाहिए — डॉ. चिन्मय पण्ड्या


देव संस्कृति विश्वविद्यालय, हरिद्वार में शुक्रवार को “राष्ट्र निर्माण में मीडिया की भूमिका” विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का भव्य आयोजन किया गया। सम्मेलन का शुभारंभ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबोले, विश्वविद्यालय के कुलपति श्री शरद पारधी, प्रतिकुलपति एवं युवा आइकॉन डॉ. चिन्मय पण्ड्या, तथा पूर्व सांसद श्री तरुण विजय सहित अन्य अतिथियों द्वारा सामूहिक दीप प्रज्वलन से हुआ।

दिनभर चले इस सम्मेलन में कुल पाँच सत्र आयोजित हुए, जिनमें वक्ताओं ने मीडिया को भारत के नैतिक व सांस्कृतिक उत्थान का आधार बनाने का आह्वान किया।

मुख्य अतिथि श्री दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि मीडिया को राष्ट्र निर्माण में सशक्त भूमिका निभानी चाहिए। स्वतंत्रता संग्राम के समय हमारे महानायकों ने मीडिया के विभिन्न माध्यमों से जनजागरण किया। आज भी पत्रकारों को चाहिए कि वे अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी से निभाते हुए समाज में सशक्तिकरण, नारी जागरण और राष्ट्रहित के मुद्दों को प्राथमिकता दें।

अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में युवा आइकॉन डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि पत्रकारों को संवेदनशील होना चाहिए और वे ऐसी ही खबरें प्रसारित करें जो समाज और राष्ट्र के विकास में सहायक हों। उन्होंने कहा कि अनीति, असुरता और भ्रष्टाचार को जड़ से मिटाने का समय आ गया है।

इस अवसर पर प्राच्यम स्टूडियोज के सीईओ श्री प्रवीण चतुर्वेदी, सुदर्शन चैनल के मुख्य संपादक श्री सुरेश चव्हाण, पूर्व सूचना आयुक्त श्री उदय माहूरकर, तथा पूर्व सांसद श्री तरुण विजय सहित देशभर से आये मीडिया विशेषज्ञों, लेखकों, फिल्मकारों और पत्रकारों ने अपने विचार साझा किए।

दिल्ली, बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से आए मीडिया जगत के प्रतिष्ठित प्रतिनिधियों ने पाँच अलग-अलग सत्रों में राष्ट्र निर्माण में मीडिया की दिशा और दायित्व पर गहन चर्चा की। विशेषज्ञों ने कहा कि आज मीडिया केवल सूचना का माध्यम नहीं, बल्कि राष्ट्र को दिशा देने वाली सशक्त शक्ति बन चुका है।

सम्मेलन में अखिल विश्व गायत्री परिवार के सैकड़ों स्वयंसेवकों की उपस्थिति ने आयोजन को वैचारिक और सांस्कृतिक गहराई प्रदान की। देव संस्कृति विश्वविद्यालय के विद्वानों ने स्पिरिचुअल जर्नलिज़्म (आध्यात्मिक पत्रकारिता) की आवश्यकता पर भी विशेष चर्चा की।

उद्घाटन सत्र में हरिद्वार और मुंबई से आये वरिष्ठ पत्रकार श्री अनिल गलगली, अमित नारायण सहित विभिन्न राज्यों के पत्रकारों को युवा आइकॉन डॉ. चिन्मय पण्ड्या, श्री दत्तात्रेय होसबोले एवं अतिथियों ने सम्मानित किया। इस अवसर पर “अखण्ड ज्योति” की आध्यात्मिक यात्रा पर आधारित डॉक्यूमेंट्री, संस्कृति संचार और रिनासा पत्रिकाओं के नये अंक तथा कई पुस्तकों का विमोचन भी किया गया। कुलपति एवं प्रतिकुलपति ने अतिथियों को विश्वविद्यालय का प्रतीक चिह्न, गंगाजली और रुद्राक्षमाला भेंट कर सम्मानित किया।